प्रेम ही आनंद का घर है,प्रेम ही जिंदगी है
प्रेम रतन धन सबसे बड़ा है
प्रेम का नन्हा दीप जलाकर तो देख
पा जायेगा तू सारे सुख
प्रभु जी से नेह लगाकर तो देख
प्रेम ही आनंद का घर है, प्रेम ही जिंदगी है।
आनंद लेना देना ही जीवन है
बाकी सब मिथ्या है
अपने जीवन रथ का तू राजा है
विचारों का है सारा खेल यहां
प्रेम ही आनंद का घर है, प्रेम ही जिंदगी है।
प्रेम ही पूजा है और नही है कोई दूजा
प्रेम बिना है ये जीवन सूना
सारे दुःखो की एक ही है दवाई
प्रेम का दीप जला लें
प्रेम ही आनंद का घर है, प्रेम ही जिंदगी है।
अगर हो बातें प्यारी
तो सुखों की होती हैं बारिश
जीवन एक संग्राम है
क्यों दर दर भटक रहें हो
इन्द्रियां है जीवन रथ का घोड़े
प्रभु जी की भक्ति ही इसकी दवा है।
प्रेम रतन धन सबसे बड़ा है
प्रेम का नन्हा दीप जलाकर तो देख
पा जायेगा तू सारे सुख
प्रभु जी से नेह लगाकर तो देख
प्रेम ही आनंद का घर है, प्रेम ही जिंदगी है।
नूतन लाल साहू
ऋषभ दिव्येन्द्र
26-May-2023 12:29 PM
बहुत खूब
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Haaya meer
26-May-2023 09:33 AM
Very nice
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